होम लोन

4 सवाल जो बताएँगे कि होम लोन लेने के लिए आप वित्तीय तौर पर तैयार हैं या नहीं?

4 सवाल जो बताएँगे कि होम लोन लेने के लिए आप वित्तीय तौर पर तैयार हैं या नहीं?
Bharti
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होम लोन की राशि बड़ी होती है और भुगतान अवधि लम्बी, इसलिए ये एक लम्बे समय की ज़िम्मेदारी है। डाउन पेमेंट के लिए भी होम लोन आवेदक के पास राशि होनी चाहिए। इसके अलावा, बैंक/ एचएफ़सी आपके क्रेडिट स्कोर और लोन चुकाने कि क्षमता पर भी विचार करते हैं। कुल मिलाकर, आपको होम लोन मिलेगा या नहीं, ये आपकी फाइनेंशियल हैल्थ पर निर्भर करता है। नीचे कुछ पॉइंट दिये हुए हैं जिनके आधार पर आप जान सकते हैं कि आप होम लोन लेने के लिए योग्य हैं या नहीं!

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होम लोन डाउन पेमेंट

आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंक आपको प्रॉपर्टी के मूल्य का 75-90% तक ही होम लोन के रूप में दे सकते हैं, इसे एलटीवी रेश्यो भी कहते हैं। शेष राशि आपको ही डाउन पेमेंट के रूप में देनी होगी। आप जितनी ज़्यादा डाउन पेमेंट देते हैं, बैंक को होम लोन देने में उतना कम जोखिम होता है और जोखिम जितना कम होता है लोन मिलने की संभावना उतनी ज्यादा बढ़ जाती है,  कभी-कभी ज़्यादा डाउन पेमेंट देने से बैंक ब्याज दरों में भी कटौती कर सकते हैं।

हालांकि, ज़्यादा डाउन पेमेंट के लिए अपने इमरजेंसी फंड को तोड़ने या महत्वपूर्ण आर्थिक लक्ष्यों के लिए किए गए निवेश को ख़त्म करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने महत्वपूर्ण आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने या अचानक पैसे की ज़रूरत पड़ने पर आपको उच्च ब्याज लागत पर लोन लेना पड़ सकता है।

अच्छा क्रेडिट स्कोर

आमतौर पर 750 और उससे अधिक के क्रेडिट स्कोर को बैंकों द्वारा अच्छा माना जाता है। अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले होम लोन आवेदकों की लोन एप्लीकेशन मंज़ूर होने की संभावना बढ़ जाती है। क्रेडिट स्कोर ज़्यादा होने पर कम ब्याज दरों पर भी लोन मिल सकता है।

इसलिए, होम लोन अप्लाई करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें, स्कोर कम होने पर उसमें सुधार के लिए सही कदम उठाएं। इसके लिए, क्रेडिट कार्ड बिलों और मौजूदा ईएमआई का समय पर भुगतान करें, कम समय में कई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई ना करें और आदि।

जिनका क्रेडिट स्कोर कम है या नहीं है वो क्रेडिट कार्ड लेकर उसके उपयोग से अपना क्रेडिट स्कोर बना सकता हैं। जो लोग अपर्याप्त इनकम, जॉब प्रोफाइल, स्थान, आदि कारणों से रेगुलर क्रेडिट कार्ड लेने में असमर्थ हैं वो अपना क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।

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भुगतान क्षमता

बैंक आमतौर पर उन लोगों को लोन देना पसंद करते हैं, जिनकी कुल मासिक ईएमआई, लिये जाने वाले होम लोन की ईएमआई को भी मिलाकर, उनकी मासिक इनकम की 50-60% तक होती हैं। इसे ईएम्आई टू एनएम्आई रेश्यो भी कहा जाता है, जितना ये रेश्यो इस सीमा से ज़्यादा है वो इसे कम करने के लिए अपने वर्तमान लोन को फोरक्लोज़ कर सकते हैं। यदि ऐसा करना संभव नहीं है, तो ऐसे होम लोन आवेदकों को लम्बी भुगतान अवधि चुनकर अपने होम लोन की ईएमआई राशि को कम रखना चाहिए। लेकिन बता दें कि लम्बी भुगतान अवधि में कुल ब्याज भुगतान भी बढ़ जाता है।

ईएमआई के लिए इमरजेंसी फण्ड

नौकरी जाने, बीमारी या विकलांगता के कारण इनकम में कमी आपकी लोन भुगतान क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। होम लोन ईएमआई भुगतान में चूक करने पर भारी पैनल्टी लगेगी और आपके क्रेडिट स्कोर और आपकी भविष्य की लोन योग्यता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

दूसरी ओर, अपनी होम लोन की ईएमआई चुकाने के लिए अपना मौजूदा निवेश उपयोग करने से आपके आर्थिक लक्ष्यों में या अचानक पैसे की ज़रूरत के समय मुश्किल आ सकती है। इसलिए अपने इमरजेंसी फण्ड में इतना योगदान बढ़ाए कि इनकम में कमी आने पर भी कम से कम छह महीनों तक बिना किसी मुश्किल के ईएमआई देते रहें।

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