ज़्यादा उम्र में चाहिए होम लोन तो ऐसे अपनी राह आसान बनाएं
होम लोन एक सिक्योर्ड लोन है इसके बावजूद, वरिष्ठ नागरिकों के होम लोन एप्लिकेशन का मूल्यांकन करते समय बैंक/ लोन संस्थान बहुत सतर्क रहते हैं। क्योंकि वरिष्ठ नागरिकों की जीवन रेखा और इनकम निश्चित नहीं होती है, उन्हें होम लोन देते समय ज़्यादा सतर्कता बरती जाती है। इसलिए उम्र के इस पड़ाव में होम लोन आसान नहीं है। यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर वरिष्ठ नागरिकों को होम लोन लेने में मदद मिल सकती है-
जॉइंट होम लोन लें
अगर अधिक उम्र के कारण आपको होम लोन मिलने में दिक्कत हो रही है तो आप जॉइंट होम लोन ले सकते हैं। इसके लिए आप अपने परिवार के किसी भी वर्किंग सदस्य (जैसे कि बेटा) को अपने लोन एप्लीकेशन में सह-आवेदक बना सकते हैं। सह-आवेदक की इनकम, क्रेडिट स्कोर, उम्र भी लोन आवेदन का मूल्यांकन करते समय गिनी जाती है। सह-आवेदक को जोड़ने से लोन मंज़ूरी की संभावना बढ़ सकती है और ज़्यादा लोन राशि प्राप्त करने में भी सहायता हो सकती है। साथ ही लोन भुगतान के लिए ज़्यादा समय भी मिल सकता है।
एलटीवी रेश्यो कम रखें
खरीदी जा रही संपत्ति के मूल्य का जितना प्रतिशत बैंक लोन के रूप में देता है, वही उसका एलटीवी रेश्यो (LTV Ratio) होता है। ये रेश्यो जितना कम हो लोन मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, होम लोन का अधिकतम एलटीवी रेश्यो संपत्ति के मूल्य का 75-90% तक हो सकता है। आप जितना ज़्यादा डाउन पेमेंट देंगे, लोन राशि उतनी कम लेनी पड़ेगी और एलटीवी रेश्यो भी उतना ही कम होगा, इससे आपको लोन देने में बैंक का जोखिम कम हो जाएगा। इस तरह आपको लोन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
उदाहरण से समझें- अगर कोई पेंशनर 80 लाख रु का घर खरीदना चाहता है। जिसके लिए वह 40 लाख रु. लोन के लिए आवेदन करता है। तो इसका एलटीवी रेश्यो 1:2 (40/80) होगा। ऐसे मामले में जो आवेदक 50 लाख रु. का लोन लेना चाहता है, उसकी तुलना में 40 लाख रु. के लोन आवेदक को लोन मिलने की संभावना अधिक होगी।
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ईएमआई टू एनएमआई रेश्यो का ध्यान रखें
बैंक उन्ही को लोन देना पसंद करते हैं जो अपनी मासिक इनकम का 50%-55% तक की ईएमआई भुगतान (वर्तमान ईएमआई और लिये जाने वाले लोन की ईएमआई मिलाकर) में खर्च करते हैं। इसलिए अगर आप पहले से किसी ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं तो उस लोन को फोरक्लोज़ कर दें, या जो होम लोन लेना चाहते हैं उसकी EMIs राशि कम रखें ताकि आपकी मासिक इनकम का बड़ा हिस्सा ईएमआई भुगतान में खर्च ना हो। लेकिन याद रखें कि EMIs राशि कम होने से पुनर्भुगतान अवधि लम्बी और ब्याज लागत बढ़ जाती है।
लोन आवेदक आसानी से ऑनलाइन होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर (Home Loan EMI Calculator) का उपयोग करके अपनी ईएमआई जान सकते हैं और अपनी भुगतान क्षमता के आधार पर लोन पुनर्भुगतान अवधि चुन सकते हैं। ईएमआई राशि चुनने से पहले, लोन आवेदक को अपने ज़रूरी खर्चों, इंश्योरेंस प्रीमियम और महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों के प्रति मासिक योगदान को भी गिनना चाहिए।
क्रेडिट स्कोर 750 या इससे ज़्यादा बनाए रखें
होम लोन एप्लीकेशन स्वीकार होने में आपके क्रेडिट स्कोर की भूमिका भी होती है। बैंक 750 या इससे ज़्यादा क्रेडिट स्कोर को अच्छा मानते हैं, कई बैंक ज़्यादा क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्तियों को कम ब्याज दर पर भी लोन ऑफर करते हैं। इसलिए होम आवेदन से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट ज़रूर चेक करें। इससे आपको ये भी पता चलेगा कि आपकी रिपोर्ट में कोई गलत जानकारी तो नहीं है। अगर ऐसा है, तो उसे सही करने के लिए आप सूचना ब्यूरो या अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
ऊपर बताए गए सभी तरीको की मदद से वरिष्ठ नागरिक होम लोन लेने की अपनी संभावना को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा अगर आवेदक के पास पहले से कोई प्रॉपर्टी है। तो वह लोन लेन के लिए उसे कोलैटरल के रुप में बैंक में जमा कर सकते हैं। ऐसे करने से भी लोन मंजूरी की संभावना बढ़ जाती है। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जैसे बैंक वरिष्ठ नागरिकों को भी होम लोन ऑफर करते हैं। लेकिन सभी बैंकों की लोन भुगतान शर्तें अलग-अलग हैं। एलआईसी पेंशनर्स के लिए होम लोन स्पेशल स्कीम चलाता है। जिसकी भुगतान अवधि आवेदक के 80 साल होने तक या लोन टैन्योर 30 साल (जो भी पहले पूरा हो) तक की समयावधि देता है। वहीं, BOB और एसबीआई दोनों बैंक आवेदक की अधिकतम उम्र 70 साल तक या लोन टैन्योर 30 साल (जो भी पहले पूरा हो) तक की लोन भुगतान के लिए मोहल्लत देते हैं।