अपने लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
भविष्य में क्या होगा? इसका पता नहीं, लेकिन एक समझदार व्यक्ति को अपने वर्तमान के साथ भविष्य की भी प्लानिंग ज़रूर करनी चाहिए। आपकी मौत के बाद आपके परिवार को बुरा वक्त न देखना पड़े, इसलिए लाइफ इंश्योरेंस लेना काफी ज़रूरी है। मुश्किल घड़ी में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके परिवार को फाइनेंशियल सपोर्ट प्रदान करती है। पॉलिसी का लाभ लेने के लिए आपको सालाना प्रीमियम का भुगतान करना होगा। भारत में ऐसी दर्जनों कंपनियां है जिनसे आप लाइफ इंश्योरेंस ले सकते हैं। लेकिन कोई भी लाइफ इंश्योरेंस प्लान चुनने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पॉलिसी की अवधि कितनी होनी चाहिए?
कुछ लोग 90 वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए पॉलिसी ले लेते हैं। इतनी लंबी अवधि के लिए पॉलिसी लेने का कोई फायदा नहीं होता। पॉलिसी की अवधि उतनी रखें जितनी अवधि में आपके बच्चे कमाने लायक हो जाएंगे। ऐसा टर्म प्लान चुनना चाहिए जो आपके परिवार को तब तक कवर करता हो, जब तक आपके बच्चे अपना और परिवार के अन्य सदस्यों का भरण-पोषण करने में सक्षम न हो जाएं।
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अपना बजट तय कर पॉलिसी कवर चुनें
पॉलिसी कवर चुनने से पहले यह तय करें कि आपके परिवार को कितने कवर की ज़रूरत पड़ सकती है। टर्म प्लान की कवरेज राशि आपकी सालाना इनकम, लोन की ईएमआई और सामान्य खर्चों जैसे किराया, बिल, ग्रोसरी का सामान, बच्चों की स्कूल और कॉलेज की फीस आदि जैसे खर्चों को उठाने लायक होनी चाहिए। इसके अलावा कवरेज राशि तय करते समय इन्फ्लेशन का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। आगे चलकर महंगाई कितनी बढ़ सकती है, उसका अंदाजा लगाने के बाद कवरेज लेना चाहिए।
अतिरिक्त कवरेज (राइडर्स) की ज़रूरत पड़ सकती है
इंश्योरेंस करवाते वक्त राइडर्स या राइडर बेनिफिट का ऑप्शन दिया जाता है। दरअसल, राइडर एक प्रोविजन है जिसमें मूल बीमा पर अतिरिक्त कवरेज या लाभ मिलता है। इसे ऐड-ऑन भी कहते हैं। इसके लिए आपको अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ता है। चूंकि आपको आगे चलकर अतिरिक्त कवरेज की ज़रूरत पड़ सकती है, इसलिए नई पॉलिसी लेने के बजाय राइडर का विकल्प बेहतर है। लेकिन जिस कंपनी से इंश्योरेंस ले रहे हैं, वहां राइडर की सुविधा मिलती है या नहीं, यह पहले से पता कर लें। राइडर्स कई तरह के होते हैं, जैसे-
- लाइफ स्टेज राइडर: शादी या बच्चे के जन्म के दौरान कवरेज राशि बढ़ाने की ज़रूरत पड़ सकती है, इसके लिए आप लाइफ स्टेज राइडर्स का विकल्प चुन सकते हैं।
- वेवर ऑफ़ प्रीमियम: इस ऐड-ऑन के ज़रिए आप किसी दुर्घटना, गंभीर बीमारी या एक्सिडेंट से स्थायी विकलांगता के मामले में बिना प्रीमियम भरे अपनी पॉलिसी को एक्टिव रख सकते हैं।
- क्रिटिकल इलनेस राइडर: इसमें पॉलिसी की अवधि में आपको कोई गंभीर बीमारी हो जाने पर उसके इलाज का खर्च कवर किया जाता है।
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सही लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे चुनें?
पॉलिसी की अवधि और कवरेज राशि तय करने के बाद अपने लिए उपयुक्त प्लान चुनना बेहद ज़रूरी होता है। इसे चुनने से पहले आपको इंश्योरेंस पॉलिसी की वेबसाइट में इन चीज़ों को चेक करना चाहिए:-
- क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (CSR)
पॉलिसी लेते समय कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो ज़रूर देख लें। इससे पता चलता है कि पॉलिसीधारकों के दावों के निपटारे के मामले में कंपनी का रिकॉर्ड कैसा है। इस रेश्यो में एक वित्त वर्ष के दौरान एक बीमा कंपनी को भेजे गए क्लेम रिक्वेस्ट और कंपनी द्वारा सेटल या दिए गए क्लेम के अनुपात का पता चलता है। क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना ज्यादा होगा, उतना अच्छा है। इसके अधिक होने का मतलब है कि आपके क्लेम सेटलमेंट की संभावना अधिक होगी। जिन कंपनियों का CSR 90% से अधिक है, वहां बीमा कराने का विचार करें। अगर CSR 70% से कम है, तो ऐसी कंपनी से बीमा ना लेने में ही भलाई है।
- अमाउंट सेटलमेंट रेश्यो (ASR)
इससे क्लेम की राशि और बीमाकर्ता द्वारा सेटल की गई राशि का पता चलता है। अगर यह ज्यादा है तो इसका मतलब है कि अधिकतर क्लेम का पूरा सेटलमेंट किया गया है। जिन इंश्योरेंस कंपनियों का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो 90% से अधिक है उनसे इंश्योरेंस प्लान लेना बेहतर होता है।
- कंप्लेंट वॉल्यूम
इंश्योरेंस कंपनी के क्लेम सेटलमेंट के संबंध में कितने लोगों ने शिकायत की, इसका मूल्यांकन करना ज़रूरी है। इसके लिए कंप्लेंट वॉल्यूम चेक करें जो यह बताता है कि कंपनी को प्रति 1,000 क्लेम में से कितनों की शिकायत आई है। अगर यह वॉल्यूम 20 से ज्यादा है और आपको किसी और कंपनी में इंश्योरेंस करने का विचार करना चाहिए।
अपने लिए सही पॉलिसी चुनने के लिए विभिन्न बीमा पॉलिसी के प्रीमियम, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो और लाभों की तुलना करना ज़रूरी है। इसके लिए कई वेबसाइटें हैं, जहां आप अलग-अलग पॉलिसी की तुलना कर सकते हैं। और पॉलिसी के फीचर्स और अपनी ज़रूरत के मुताबिक अपने लिए सही पॉलिसी चुन सकते हैं।