Mother’s Day: यंग मदर्स कर सकती हैं ये फाइनेंशियल गलतियां, जानें इनसे निपटने का तरीका
किसी भी महिला के जीवन में मां बनना सबसे बड़ा सौभाग्य होता है। इस दौरान आपके जीवन में जहां खुशियों की बौझार आ जाती है, वहीं आपकी वित्तीय जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। मां बनने के बाद करियर ब्रेक लेना पड़ता है, उस दौरान फाइनेंस को मैनेज करने से लेकर बच्चे के भरण-पोषण में होने वाली लागत समेत कई जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। इनसे निपटने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (financial planning) करनी ज़रूरी है। अगर आप हाल ही में मां बनी हैं या बच्चे की प्लानिंग कर रहीं है, तो आपको कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चे के पालन-पोषण में लगने वाली लागत का अंदाज़ा न लगाना
जो महिलाएं हाल ही में मां बनी हैं, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चे के पालन-पोषण की लागत को लेकर आती है। बच्चे के जन्म के दौरान अस्पताल का खर्च, उनके पालन-पोषण और आगे चलकर उनके एजुकेशन की लागत समेत कई खर्च बढ़ जाते हैं। यह खर्च आप किस शहर में रहते हैं, आपकी लाइफस्टाइल कैसी है और आप अपने बच्चे को कौन-से स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं, पर निर्भर करते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चे के भरण-पोषण में कितनी लागत आएगी, इसका अंदाज़ा लगाएं और इस अनुमानित लागत के हिसाब से पैसे बचाना शुरू करें ताकि आगे चलकर आप अपने बच्चे से जुड़ी इन फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा कर सकें।
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पहले से बचत न करना
अपने और अपने बच्चे के फ्यूचर के लिए पहले से ही बचत करनी शरू कर देनी चाहिए। क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद उसके देखभाल के लिए करियर ब्रेक लेना पड़ता है और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा, आपके खर्चों का ग्राफ भी बढ़ता चला जाएगा। ऐसे में जब बच्चे की प्लानिंग करें, उस दौरान ही बचत करना शुरू कर दें।
अगर आप एक यंग मदर हैं, तो भी आपके पास अपने और अपने बच्चे के फ्यूचर के लिए बचत करने का लंबा समय है। अपनी इनकम का एक छोटा हिस्सा निवेश करें। नियमित तौर पर छोटी रकम जमा करने से आप आगे चलकर बड़ा अमाउंट बचा सकती हैं। बचत के लिए आप फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD), स्टॉक या म्यूचुअल फंड आदि में निवेश कर सकती हैं। इनमें निवेश करने में जोखिम तो होता है, लेकिन ये लंबे समय तक निवेश करने पर बढ़िया रिटर्न मिलता है। आप जोखिम को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियों को डाइवर्सिफाइ करने का विचार कर सकती हैं। इसके लिए स्टॉक, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करें, जिससे बाज़ार के उतार-चढ़ाव का ज्यादा असर आपके इन्वेस्टमेंट पर न पड़े।
प्रोफेशनल फाइनेंशियल एडवाइस ना लेना
अगर आप अपने बच्चे के भविष्य के लिए बचत करना चाहती हैं, लेकिन कहां निवेश करना है, कैसे करना है और कितना करना जैसे सवालों में उलझी हैं, तो किसी प्रोफेशनल एडवाइजर की मदद ले सकती हैं। बिना किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद के निवेश करने पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में एक फाइनेंशियल एडवाइजर आपकी ज़रूरतों और प्रायोरिटी के आधार पर रिस्क प्रोफाइल का आकलन करने, फाइनेंशियल गोल्स बनाने में आपकी मदद कर सकता है।
अपने लिए इंश्योरेंस प्लान न लेना
अपने नन्हे-मुन्ने के लिए अपना जीवन सुरक्षित रखना ज़रूरी है, और ऐसा करने के लिए आपके पास इंश्योरेंस प्लान होना चाहिए। कोई बीमारी, विकलांगता और मृत्यु जैसी अप्रत्याशित घटनाएं कभी बताकर नहीं आती और इनकी वजह से पड़ने वाले आर्थिक नुकसान के प्रभाव को कम करने में टर्म इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने का विचार करें। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय ऐसा इंश्योरेंस लें जो मैटरनिटी खर्चों को कवर करने के साथ अन्य खर्चों को कवर करने में सक्षम हो। ऐसा प्लान लें जिसमें आपको किफायती प्रीमियम पर अधिक लाभ मिले।
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रिटायरमेंट प्लानिंग न करना
नई मां के रूप में जितना ज़रूरी अपने बच्चे के भविष्य के लिए प्लानिंग करना है, उतना ही ज़रूरी अपने भविष्य के लिए योजना बनाना है। मां बनने के बाद महिलाएं अक्सर रिटायरमेंट प्लानिंग को नज़रअंदाज कर देती हैं। लेकिन बुढ़ापे में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पाने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी शुरू करनी चाहिए। इसके लिए आप PPF और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) जैसी रिटायरमेंट स्कीम में इन्वेस्ट कर सकती हैं, इनसे आपको रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद मिलेगी। इनमें टैक्स बेनिफिट का भी लाभ मिलता है, जिससे आप मिलने वाले रिटर्न में से टैक्स में बचत कर सकती हैं।